घर में सुख समृद्धि लाने के लिए मनुष्य को वास्तु नियमों का पालन करना अति आवश्यक है। भगवान श्री कृष्ण द्वारा बताए गए वास्तु के कुछ खास नियम (Vastu rules told by Lord Krishna) जिन्हे हर घर को अपनाना चाहिए।
ऐसा माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बहुत ही अहम वास्तु नियम बताए थे। लेकिन कई बार हमारा घर वास्तु के नियम के अनुसार नहीं बन पाता। जिससे कई कठिनाइयां सामने आने लगती हैं।
वास्तु के कारण घर में दुख, पीड़ा और पारिवारिक बाधाएं आने शुरू हो जाती हैं। इसीलिए सब विद्वान वास्तुशास्त्र के नियमों के पालन करने की सलाह देते हैं।
अगर आपका घर वास्तुशास्त्र के नियमों के अनुसार बना होता है तो वहां पर मां लक्ष्मी का सदैव ही आशीर्वाद बना रहता है। ऐसे घर में दुख और पीड़ा कभी छू भी नहीं पाएगी।
भगवान कृष्ण द्वारा बताए वास्तु नियम | Vastu rules told by Lord Krishna
घर का मुख्य द्वार
सबसे पहले यह जान लें कि घर का मुख्य द्वार उत्तर या फिर पूर्व दिशा में ही होना चाहिए। किसी भी हालत में घर का मुख्य द्वार दक्षिण और पश्चिम दिशा में नहीं होना चाहिए।
इसके साथ यह भी ध्यान में रखें कि किसी भी घर का मुख्य द्वार किसी भी चौराहे में नहीं होना चाहिए।
रसोईघर
वास्तु शास्त्र के दूसरे नियम में यह बताया गया है कि हमारा रसोईघर पूरे घर का सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र स्थान होता है।
जो कि हमारे घर के अग्नि कौन में होनी चाहिए। यदि आप इस दिशा में रसोई घर बनाते हैं तो आपके घर की सकारात्मक ऊर्जा हमेशा बनी रहती है।
घर के पूजा स्थान
दोस्तों वास्तु शास्त्र का अगला नियम आपके घर के पूजा स्थान से जुड़ा हुआ है । अगर आपके घर का पूजा रूम सही स्थान पर नहीं होगा तो आपके द्वारा की गई पूजा का आपको सही समय पर फल नहीं मिलेगा।
जिसकी वजह से घर में बीमारियां और गरीबी का जन्म होने लगता है।
इसीलिए घर का पूजा स्थान आपके घर के ईशान कोण में ही बनाना चाहिए जो कि ऐसी स्थिति में हो की पूजा करते समय इंसान का चेहरा सूर्य दिशा की तरफ यानि की पूर्व दिशा में हो।
ईशान कोण उत्तर और पूर्व दिशा के मध्य भाग को कहा जाता है।
घर का शौचालय
वास्तु शास्त्र का चौथा नियम यह बताता है कि घर का शौचालय एक सबसे आपवित्र स्थान होता है। इस जगह पर घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। इसीलिए शौचालय को नृत्य कौन यानी कि दक्षिण और पश्चिम दिशा के मध्य भाग में बनाना चाहिए।
इसके साथ ही यह भी ध्यान में रखें कि इसके आसपास किसी भी देवी देवताओं की तस्वीरें ना लगी हो।
अगर ऐसा होता है तो यह देवी देवताओं का अपमान माना जाता है जिससे उनकी कृपा घर में रहने वाले सदस्यों पर नहीं बनी रहती।
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तुलसी का पौधा
वास्तु का पांचवा नियम यह बताता है कि घर के मुख्य द्वार के सामने तुलसी का पौधा होना चाहिए।
ऐसा करने से घर के आसपास के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। क्योंकि तुलसी का पौधा बीमारियों से, नकारात्मक ऊर्जा से, और बुरी नजर से बचाता है।
अगर आपके घर के मेन दरवाजे के पास तुलसी का पौधा नहीं है तो आप अपने घर के अंदर पर्व दिशा में भी लगा सकते हैं। जिस घर में तुलसी का पौधा नहीं होता उस घर में रहने वाले सदस्यों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
पक्षियों के लिए भोजन और पानी का प्रबंध
वास्तु शास्त्र के छठे नियम में आपको अपने घर की बालकनी या फिर किसी खुली जगह पर पक्षियों के लिए भोजन और पानी का प्रबंध करके रखना चाहिए।
ऐसा करने से आप देखेंगे कि रोज सुबह पंछियों की आवाज सुनने से आपका मन प्रसन्न होने लगेगा।
यह माना जाता है कि जिस घर से पंछी संतुष्ट होकर जाते हैं ऐसे घर में किसी प्रकार का संकट और दुख नहीं आता।
घर में धन रखने का स्थान
दोस्तों वास्तुशास्त्र में घर में धन रखने का स्थान उत्तर दिशा में बताया गया है। उत्तर दिशा धन के देवता कुबेर जी की दिशा है।
इसीलिए कहा जाता है कि घर की कीमती चीजें जैसे कि गहने, वॉलेट आदि उत्तर दिशा में ही रखनी चाहिए।
इसके विपरीत अगर आप किसी और दिशा में अपने खजाना रखते हैं तो अनावश्यक धन का खर्च होता है।
Conclusion:- भगवान कृष्ण द्वारा बताए वास्तु नियम | Vastu rules told by Lord Krishna
आज आपने वास्तु शास्त्र के साथ ऐसे महत्वपूर्ण नियमों को जान लिया है। लेकिन कई बार पुराने घरों में ऐसे नियमों का पालन नही किया जा सकता। जिस वजह से वास्तु शास्त्र के बुरे परिणामों को सहना पड़ता है। अगर किसी घर में वास्तु दोष पाया जाता है तो उस घर की पूर्व दिशा में तुलसी का पौधा लगाने से कई वास्तु दोष खत्म हो जाते हैं। आप यह जरूर दिमाग मे रखे की मात्र एक तुलसी का पौधा ही कई वास्तु दोषों को समाप्त करने की क्षमता रखता है।
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