ऐसा माना जाता है क श्रद्धा से भगवान को मानने वाले अद्धभुत शक्ति प्राप्त करते है. जैसा क हम सब जानते है 7 अक्टूबर 2021 से नवरात्रि शुरू हो रहे हैऔर 15 अक्टूबर को समापत हो जायेंगे. इसलिए हम आपको अपनी तरफ से happy navratri 2021 की बधाई देते है और कुछ वास्तु के टिप्स अपने साँझा करेंगे.
शारदीय नवरात्रि वास्तु के नजरिये से हर इंसान की ज़िंदगी में बहुत बड़ा महत्व देते है. अगर हम चाहे तो नवरात्रि के दिनों भगवान की कृपा से हम अपनी ज़िंदगी में एक सफलता का नया रास्ता खोल सकते है. जिसके वारे में आज हम बात करेंगे क कैसे वास्तु के अनुसार नवरात्रि के दिनों आप आपने घर में सकरात्मक उर्जाओ का दरवाजा खोल सकते है.
हर साल सर्दिओ के दिनों में पूजे जाने वाले नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। इन दिनों त्योहार के दिन शुरू हो जाते है और मौसम में भी काफी बदलाव आने लगता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कोई भी नया कार्ये शुरू करने के लिए आगे 5 नवंबर से पहले कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है. लेकिन इन 9 नवरात्रि के दिनों आप अपना कोई भी शुभ काम बेझिजक हो कर शुरू कर सकते है। जैसे की भूमि पूजन , शिला न्यास , ग्रह प्रवेश आदि. अगर यह मौका आपको मिलता है तो यह जान ले यह हर साल के हर महीने नहीं मिलता।
घर में पूजा स्थान बनाने का सबसे अच्छा अवसर (Make a place of worship at home)
अगर आप में से कोई काफी समय से अपने घर में पूजा स्थान की स्थापना करना चाहता है तो इससे अच्छा अवसर कोई हो ही नहीं सकता। इसके इलवा अगर आपके घर में पूजा स्थान पहले से है तो आप उसे वास्तु के हिसाब से भी जगह को वदल सकते है. क्योकि इन दिनों माता दुर्गा के 9 अवतारों की पूजा की जाती है. जिससे घर में ब्रह्माण्ड से सकरात्मक ऊर्जा का भंडार भर कर आता है. इसीलिए आपको कोई भी काम करने के लिए सही महूरत का इन्तजार न करे. क्योकि इस समय भगवान खुद आपको शुभ अवसर प्रधान कर रहे है.
बहुत से लोग अपने घर बनाने के लिए भूमि पूजन का कार्य शुरू करने के लिए नवरात्रो के इन्तजार में ही होते है. क्योकि वह नवरात्रो से मिलने वाले लाभ से अच्छी तरह वाकिफ होते है. इसीलिए अगर आपके पास भी कोई भूखंड खाली पड़ा है. और आप वह पर किसी प्रकार की रचना करना चाहते है तो यह सबसे अच्छा अवसर है. भूमि पूजन के लिए बहुत सी परकिराये होती है जिनको आप किसे अच्छे पंडित या वास्तु शास्त्री की मदद से ही करे.
कुछ लोग सोचते होंगे के भूमि पूजन और शिला न्यास में क्या फर्क है. शिला का मतलब होता है पत्थर जिनका उपयोग पुराने समय में घर बनाने के लिए किया जाता था. भूमि पूजन सबसे पहले नीव खोदने का काम शुरू करने से पहले किया जाता है. इसके बाद जब कोई दीवार जा कालम का काम शुरू होता है तब 4-5 ईटो को रख कर शिला न्यास किसी पंडित द्वारा या फिर आप खुद कर सकते है.
Suggested Read: मंदिर के पास घर अच्छा है या बुरा | House near temple is good or bad in hindi
ग्रह प्रवेश नवरात्रो के दिनों में करना बहुत ही शुभ माना जाता है. इससे आपके जीवन में आगे शुरू होने वाले कामो में कभी रुकावट नहीं आती. और अगर आती भी है तो उसका आपको समाधान भगवान की कृपा से जल्द से जल्द मिल जायेगा. क्योकि जैसा हमने बताया यह दिन 9 दुर्गा के होते है. और किसी भी क्षेत्र में 9 का अंक बहुत ही बलशाली माना जाता है.
वैसे तो नवरात्रो के 9 दिन बहुत शुभ होते है. पर दुसरो की तुलना में 3,5, और 6 की तिथि सबसे ज्यादा शुभ मानी जाती है. इसके इलावा किसी भी कार्य को आरम्भ करने के लिए नोवी की तिथि भी बहुत ही शुभ होती है.
- इन दिनों आप अपने घर में तुलसी का पौधा भी लगा सकते है.
- अगर किसी वजह से आपके घर के पूजा स्थान की मुर्तिया खंडित होगी है या टूट चुकी है तो उन्हें बदलने का यह बिलकुल सही समय है.
- घर की रचना का काम अगर किसी वजह के कारण रुका हुआ है तो आप उसे इस समय फिर से शुरू कर सकते है.
- घर में जब आप माँ दुर्गा की मूर्ति को रखते है तो ऐसी जगह पर मत रखे जहा से घर में अंदर आते ही सबसे पहले किसी नजर मूर्ति पर पड़े.
- वैसे तो मंदिर का सही स्थान उतर-पूरब दिशा है लेकिन माँ दुर्गा की मूर्ति का सही स्थान दक्षिण -पूरब दिशा सही मानी जाती है.
READ ALSO:-
घर में कितने गणेश जी होने चाहिए और मूर्ति रखने के नियम